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16 यदि किसी विश्वासी महिला के घर में विधवाएँ हैं तो उसे उनकी सहायता स्वयं करनी चाहिए और कलीसिया पर कोई भार नहीं डालना चाहिए ताकि कलीसिया सच्ची विधवाओं की सहायता कर सके।[a]

बुज़ुर्ग एवं अन्य बातों के बारे में

17 जो बुज़ुर्ग कलीसिया की उत्तम अगुआई करते हैं, वे दुगुने सम्मान के पात्र होने चाहिए। विशेष कर वे जिनका काम उपदेश देना और पढ़ाना है। 18 क्योंकि शास्त्र में कहा गया है, “बैल जब खलिहान में हो तो उसका मुँह मत बाँधो।”(A) तथा, “मज़दूर को अपनी मज़दूरी पाने का अधिकार है।”(B)

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Footnotes

  1. 5:16 महिला … उनकी कुछ यूनानी प्रतियों में है “महिला या पुरुष …”।