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43 तब एलिय्याह ने अपने सेवक से कहा, “समुद्र की ओर देखो।”

सेवक उस स्थान तक गया जहाँ से वह समुद्र को देख सके। तब सेवक लौट कर आया और उसने कहा, “मैं ने कुछ नहीं देखा।” एलिय्याह ने उसे पुन: जाने और देखने को कहा। यह सात बार हुआ। 44 सातवीं बार सेवक लौट कर आया और उसने कहा, “मैंने एक छोटा बादल मनुष्य की मुट्ठी के बराबर देखा है। बादल समुद्र से आ रहा था।”

एलिय्याह ने सेवक से कहा, “राजा अहाब के पास जाओ और उससे कहो कि वह अपना रथ तैयार कर ले और अब घर वापस जाये। यदि वह अभी नहीं जायेगा तो वर्षा उसे रोक लेगी।”

45 थोड़े समय के बाद आकाश काले मेघों से ढक गया। तेज हवायें चलने लगीं और घनघोर वर्षा होने लगी। अहाब अपने रथ में बैठा और यिज्रेल को वापस यात्रा करनी आरम्भ की।

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