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उसके सिर पर काँसे का टोप था। उसने पट्टीदार कवच का कोट पहन रखा था। यह कवच काँसे का बना था और इसका तौल लगभग एक सौ पच्चीस पौंड[a] था। गोलियत ने अपने पैरों में काँसे के रक्षा कवच पहने थे। उसके पास काँसे का भाला था जो उसकी पीठ पर बंधा था। गोलियत के भाले का फल जुलाहे की छड़ की तरह था। भाले की फल की तोल पन्द्रह पौंड थी। गोलियत का सहायक गोलियत की ढाल को लिये हुए उसके आगे आगे चल रहा था।

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Footnotes

  1. 17:5 एक सौ पच्चीस पौंड शाब्दिक “पाँच हजार शेकेल।”