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20 शाऊल तेजी से भूमि पर गिर पड़ा और वहाँ पड़ा रहा। शाऊल शमूएल द्वारा कही गई बातों से डरा हुआ था। शाऊल बहुत कमजोर भी था क्योंकि उसने उस पूरे दिन रात भोजन नहीं किया था।

21 स्त्री शाऊल के पास आई। उसने देखा कि शाऊल सचमुच भयभीत था। उसने कहा, “देखो, मैं आपकी दासी हूँ। मैंने आपकी आज्ञा का पालन किया है। मैंने अपने जीवन को ख़तरे में डाला और जो आपने कहा, किया। 22 अब कृपया मेरी सुनें। मुझे आपको कुछ भोजन देने दें। आपको अवश्य खाना चाहिये। तब आप में इतनी शक्ति आयेगी कि आप अपने रास्ते जा सकें।”

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