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यहोशापात ने उनको आदेश दिये। यहोशापात ने कहा, “तुम्हें अपने पूरे हृदय से विश्वसनीय काम करना चाहिए। तुम्हें यहोवा से अवश्य डरना चाहिए। 10 तुम्हारे पास हत्या, नियम, आदेश, शासन या किसी अन्य नियमों के मामले आ सकते हैं। ये सभी मामले नगरों में रहने वाले तुम्हारे भाईयों के यह से आएंगे। इन सभी मामलों में लोगों को इस बात की चेतावनी दो कि वे लोग यहोवा के विरुद्ध पाप न करें। यदि तुम विश्वास योग्यता के साथ यहोवा की सेवा नहीं करते तो तुम यहोवा के क्रोध को अपने ऊपर और अपने भाईयों के ऊपर लाने का कारण बनोगे। यह करो, तब तुम अपराधी नही होगे।

11 “अमर्याह मार्गदर्शक याजक है। वह यहोवा के सम्बन्ध की सभी बातों में तुम्हारे ऊपर रहेगा और राजा सम्बन्धी सभी विषयों में जबद्याह तुम्हारे ऊपर होगा। जबद्याह के पिता का नाम इश्माएल है। जबद्याह यहूदा के परिवार समूह में प्रमुख है। लेवीवंशी शास्त्रियों के रुप में भी तुम्हारी सेवा करेंगे। जो कुछ करो उसमें साहस रखो। यहोवा उन लोगों के साथ हो, जो वही करते हैं जो ठीक है।”

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