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18 यहोशापात अति नम्रता से झुका। उसका सिर भूमि को छू रहा था और यहूदा तथा यरूशलेम में रहने वाले सभी लोग यहोवा के सामने गिर गए और उन सभी ने यहोवा की उपासना की। 19 कहाती परिवार समूह के लेवीवंशी और कहाती लोग, इस्राएल के यहोवा परमेश्वर की स्तुति के लिये खड़े हुए। उन्होंने अत्यन्त उच्च स्वर में स्तुति की।

20 यहोशापात की सेना तकोआ मरुभूमि में बहुत सवेरे गई। जब वे बढ़ना आरम्भ कर रहे थे, यहोशापात खड़ा हुआ और उसने कहा, “यहूदा और यरूशलेम के लोगो, मेरी सुनो। अपने यहोवा परमेश्वर में विश्वास रखो और तब तुम शक्ति के साथ खड़े रहोगे। यहोवा के नबियों में विश्वास रखो। तुम लोग सफल होगे!”

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