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28 वे यरूशलेम में वीणा सितार और तुरहियों के साथ आये और यहोवा के मन्दिर में गए।

29 सभी देशों के सारे राज्य यहोवा से भयभीत थे क्योंकि उन्होंने सुना कि यहोवा इस्राएल के शत्रुओं से लड़ा। 30 यही कारण है कि यहोशापात के राज्य में शान्ति रही। यहोशापात के परमेश्वर ने उसे चारों ओर से शान्ति दी।

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