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13 किन्तु उसी समय इस्राएली सेना यहूदा के कुछ नगरों पर आक्रमण कर रही थी। वे शोमरोन से बेथोरोन नगर तक के नगरों पर आक्रमण कर रहे थे। उन्होंने तीन हज़ार लोगों को मार डाला और वे बहुत सी कीमती चीज़ें ले गए। उस सेना के लोग इसलिये क्रोधित थे क्योंकि अमस्याह ने उन्हें युद्ध में अपने साथ सम्मिलित नहीं होने दिया।

14 अमस्याह एदोमी लोगों को हराने के बाद घर लौटा। वह सेईर के लोगों की उन देवमूर्तियों को लाया जिनकी वे पूजा करते थे। अमस्याह ने उन देवमूर्तियों को पूजना आरम्भ किया। उसने उन देवताओं को प्रणाम किया और उनको सुगन्धि भेंट की। 15 यहोवा अमस्याह पर बहुत क्रोधित हुआ। यहोवा ने अमस्याह के पास एक नबी भेजा। नबी ने कहा, “अमस्याह, तुमने उन देवताओं की क्यों पूजा की जिन्हें वे लोग पूजते थे वे देवता तो अपने लोगों की भी तुमसे रक्षा न कर सके!”

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