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14 मैं तीसरी बार वहाँ आने के लिए तैयार हूँ. मैं तुम्हारे लिए बोझ नहीं बनूँगा. मेरी रुचि तुम्हारी सम्पत्ति में नहीं, स्वयं तुममें है. सन्तान से यह आशा नहीं की जाती कि वे माता-पिता के लिए कमाएं—सन्तान के लिए माता-पिता कमाते हैं. 15 तुम्हारी आत्माओं के भले के लिए मैं निश्चित ही अपना सब कुछ तथा खुद को खर्च करने के लिए तैयार हूँ. क्या तुम्हें बढ़कर प्रेम करने का बदला तुम मुझे कम प्रेम करने के द्वारा दोगे? 16 कुछ भी हो, मैं तुम पर बोझ नहीं बना. फिर भी कोई न कोई मुझ पर यह दोष ज़रूर लगा सकता है, “बड़ा धूर्त है वह! छल कर गया है तुमसे!”

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