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12 यद्यपि तुम्हें लिखने को मेरे पास बहुत सी बातें हैं किन्तु उन्हें मैं लेखनी और स्याही से नहीं लिखना चाहता। बल्कि मुझे आशा है कि तुम्हारे पास आकर आमने-सामने बैठ कर बातें करूँगा। जिससे हमारा आनन्द परिपूर्ण हो। 13 तेरी बहन[a] के पुत्र-पुत्रियों का तुझे नमस्कार पहुँचे।

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Footnotes

  1. 1:13 बहन पद 1 के “महिला” की बहन। यहाँ यह ऐसा मालूम पड़ता है कि यह दूसरी महिला है, या फिर कोई दूसरा कलीयिसा।