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12 रात का समय था, किन्तु राजा अपने पलंग से उठा। राजा ने अपने अधिकारियों से कहा, “मैं तुम लोगों को बताऊँगा कि अरामी सैनिक हमारे साथ क्या कर रहे हैं। वे जानते हैं कि हम भूखे हैं। वे खेतों में छिपने के लिये, डेरों को खाली कर गए हैं। वे यह सोच रहे हैं, ‘जब इस्राएली नगर के बाहर आएंगे, तब हम उन्हें जीवित पकड़ लेंगे और तब हम नगर में प्रवेश करेंगे।’”

13 राजा के अधिकारियों में से एक ने कहा, “कुछ व्यक्तियों को नगर में अभी तक बचे पाँच घोड़ों को लेने दें। निश्चय ही ये घोड़े भी शीघ्र ही ठीक वैसे ही मर जाएंगे, जैसे इस्राएल के वे सभी लोग जो अभी तक बचे रह गए हैं, मरेंगे। इन व्यक्तियों को यह देखने को भेजा जाये कि क्या घटित हुआ है।”

14 इसलिये लोगों ने घोड़ों के साथ दो रथ लिये। राजा ने इन लोगों को अरामी सेना के पीछे लगाया। राजा ने उनसे कहा, “जाओ और पता लगाओ कि क्या घटना घटी।”

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