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तब इन कुष्ठ रोगियों ने आपस में बातें कीं, “हम लोग बुरा कर रहे हैं। आज हम लोगों के पास शुभ सूचना है। किन्तु हम लोग चुप हैं। यदि हम लोग सूरज के निकलने तक प्रतीक्षा करेंगे तो हम लोगों को दण्ड मिलेगा। अब हम चलें और उन लोगों को शुभ सूचना दें जो राजा के महल में रहते हैं।”

कुष्ठ रोगी शुभ सूचना देते हैं

10 अतः ये कुष्ठ रोगी नगर के द्वार पाल के पास गए। कुष्ठ रोगियों ने द्वारापालों से कहा, “हम अरामी डेरे में गए थे। किन्तु हम लोगों ने किसी व्यक्ति को वहाँ नहीं पाया। वहाँ कोई भी नहीं था। घोड़े और गधे तब भी बंधे थे और डेरे वैसे के वैसे लगे थे। किन्तु सभी लोग चले गए थे।”

11 तब नगर के द्वारपाल जोर से चीखे और राजमहल के व्यक्तियों को यह बात बताई।

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