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16 तब इस्राएल के लोगों ने अत्यन्त उल्लास के साथ परमेश्वर के मन्दिर का समर्पण उत्सव मनाया। याजक, लेवीवंशी, और बन्धुवाई से वापस आए अन्य सभी लोग इस उत्सव में सम्मिलित हुये।

17 उन्होंने परमेश्वर के मन्दिर को इस प्रकार समर्पित किया: उन्होंने एक सौ बैल, दो सौ मेंढ़े और चार सौ मेमने भेंट किये और उन्होंने पूरे इस्राएल के लिये पाप भेंट के रूप में बारह बकरे भेंट किये अर्थात् इस्राएल के बारह परिवार समूह में से हर एक के लिए एक बकरा भेंट किया। 18 तब उन्होंने यरूशलेम में मन्दिर में सेवा करने के लिये याजकों और लेवीवंशियों के समूह बनाये। यह सब उन्होंने उसी प्रकार किया जिस प्रकार मूसा की पुस्तक में बताया गया है।

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