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इस्राएल का अहंकार ही उनके विरोध में एक साक्षी बन गया है। इसलिये इस्राएल और एप्रैम का उनके पापों में पतन होगा किन्तु उनके साथ ही यहूदा भी ठोकर खायेगा।

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