Add parallel Print Page Options

20 उ सरते क न उ तोड़ीन
    इ बुझत दिया तलक उ न बुझाई डटा रही
तब ताई जब ताईं निआव क जीत न होइ जाई।
21     तब फिन सबइ लोग आपन आसा ओहमाँ बँधिहीं, फिन उहइ नाउँ मँ।” (A)

Read full chapter