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17 जब बादल तम्बू के ऊपर अपने स्थान से चलता था, इस्राएली इसका अनुसरण करते थे। जब बादल रुक जाता था तब इस्राएल के लोग वहीं अपना डेरा डालते थे। 18 यही ढंग था जिससे यहोवा इस्राएल के लोगों को यात्रा करने का आदेश देता था, और यही उसका उस स्थान के लिए आदेश था जहाँ उन्हें डेरा लगाना चाहिए था और जब तक बादल तम्बू के ऊपर ठहरता था। लोग उसी स्थान पर डेरा डाले रहते थे। 19 कभी—कभी बादल तम्बू के ऊपर लम्बे समय तक ठहरता था। इस्राएली यहोवा का आदेश मानते थे और यात्रा नहीं करते थे। 20 कभी—कभी बादल तम्बू के ऊपर कुछ ही दिनों के लिए रहता था और लोग यहोवा के आदेश का पालन करते थे। वे बादल का अनु शरण तब करते जब वह चलता था। 21 कभी—कभी बादल केवल रात में ही ठहरता था और जब बादल अगली सुबह चलता था तब लोग अपनी चीज़ें इकट्ठी करते थे और उसका अनुसरण करते थे, रात में या दिन में, यदि बादल चलता था तो लोग उसका अनुसरण करते थे। 22 यदि बादल तम्बू के ऊपर दो दिन या एक महीना या एक वर्ष ठहरता था तो लोग यहोवा के आदेश का पालन करते रहते थे। वे उसी डेरे में ठहरते थे और तब तक नहीं चलते थे, जबतक बादत नहीं चलता था। जब बादल अपने स्थान से उठता और चलता तब लोग भी चलते थे। 23 इस प्रकार लोग यहोवा के आदेश का पालन करते थे। वे वहाँ डेरा डालते थे जिस स्थान को यहोवा दिखाता था और जब यहोवा उन्हें स्थान छोड़ने के लिए आदेश देता था तब लोग बादल का अनुसरण करते हुए स्थान छोड़ते थे। लोग यहोवा के आदेश का पालन करते थे। यह आदेश था जिसे यहोवा ने मूसा के द्वारा उन्हें दिया।

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