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Bible in 90 Days

An intensive Bible reading plan that walks through the entire Bible in 90 days.
Duration: 88 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 25:1-45:14

दाऊद को समर्पित।

हे यहोवा, मैं स्वयं को तुझे समर्पित करता हूँ।
मेरे परमेश्वर, मेरा विश्वस तुझ पर है।
    मैं तुझसे निराश नहीं होऊँगा।
    मेरे शत्रु मेरी हँसी नहीं उड़ा पायेंगे।
ऐसा व्यक्ति, जो तुझमें विश्वास रखता है, वह निराश नहीं होगा।
    किन्तु विश्वासघाती निराश होंगे और,
    वे कभी भी कुछ नहीं प्राप्त करेंगे।

हे यहोवा, मेरी सहायता कर कि मैं तेरी राहों को सीखूँ।
    तू अपने मार्गों की मुझको शिक्षा दे।
अपनी सच्ची राह तू मुझको दिखा और उसका उपदेश मुझे दे।
    तू मेरा परमेश्वर मेरा उद्धारकर्ता है।
    मुझको हर दिन तेरा भरोसा है।
हे यहोवा, मुझ पर अपनी दया रख
    और उस ममता को मुझ पर प्रकट कर, जिसे तू हरदम रखता है।
अपने युवाकाल में जो पाप और कुकर्म मैंने किए, उनको याद मत रख।
    हे यहोवा, अपने निज नाम निमित, मुझको अपनी करुणा से याद कर।

यहोवा सचमुच उत्तम है,
    वह पापियों को जीवन का नेक राह सिखाता है।
वह दीनजनों को अपनी राहों की शिक्षा देता है।
    बिना पक्षपात के वह उनको मार्ग दर्शाता है।
10 यहोवा की राहें उन लोगों के लिए क्षमापूर्ण और सत्य है,
    जो उसके वाचा और प्रतिज्ञाओं का अनुसरण करते हैं।

11 हे यहोवा, मैंने बहुतेरे पाप किये हैं,
    किन्तु तूने अपनी दया प्रकट करने को, मेरे हर पाप को क्षमा कर दिया।

12 यदि कोई व्यक्ति यहोवा का अनुसरण करना चाहे,
    तो उसे परमेश्वर जीवन का उत्तम राह दिखाएगा।
13 वह व्यक्ति उत्तम वस्तुओं का सुख भोगेगा,
    और उस व्यक्ति की सन्ताने उस धरती की जिसे परमेश्वर ने वचन दिया था स्थायी रहेंगे।
14 यहोवा अपने भक्तों पर अपने भेद खोलता है।
    वह अपने निज भक्तों को अपने वाचा की शिक्षा देता है।
15 मेरी आँखें सहायता पाने को यहोवा पर सदा टिकी रहती हैं।
    मुझे मेरी विपति से वह सदा छुड़ाता है।

16 हे यहोवा, मैं पीड़ित और अकेला हूँ।
    मेरी ओर मुड़ और मुझ पर दया दिखा।
17 मेरी विपतियों से मुझको मुक्त कर।
    मेरी समस्या सुलझाने की सहायता कर।
18 हे योहवा, मुझे परख और मेरी विपत्तियों पर दृष्टि डाल।
    मुझको जो पाप मैंने किए हैं, उन सभी के लिए क्षमा कर।
19 जो भी मेरे शत्रु हैं, सभी को देख ले।
    मेरे शत्रु मुझसे बैर रखते हैं, और मुझ को दु:ख पहुँचाना चाहते हैं।
20 हे परमेश्वर, मेरी रक्षा कर और मुझको बचा ले।
    मैं तेरा भरोसा रखता हूँ। सो मुझे निराश मत कर।
21 हे परमेश्वर, तू सचमुच उत्तम है।
    मुझको तेरा भरोसा है, सो मेरी रक्षा कर।
22 हे परमेश्वर, इस्राएल के जनों की उनके सभी शत्रुओं से रक्षा कर।

दाऊद को समर्पित।

हे यहोवा, मेरा न्याय कर, प्रमाणित कर कि मैंने पवित्र जीवन बिताया है।
    मैंने यहोवा पर कभी विश्वस करना नहीं छोड़ा।
हे यहोवा, मुझे परख और मेरी जाँच कर,
    मेरे हृदय में और बुद्धि को निकटता से देख।
मैं तेरे प्रेम को सदा ही देखता हूँ,
    मैं तेरे सत्य के सहारे जिया करता हूँ।
मैं उन व्यर्थ लोगो में से नहीं हूँ।
उन पापी टोलियों से मुझको घृणा है,
    मैं उन धूर्तो के टोलों में सम्मिलित नहीं होता हूँ।

हे यहोवा, मैं हाथ धोकर तेरी वेदी पर आता हूँ।
हे यहोवा, मैं तेरे प्रशंसा गीत गाता हूँ,
    और जो आश्चर्य कर्म तूने किये हैं, उनके विषय में मैं गीत गाता हूँ।
हे यहोवा, मुझको तेरा मन्दिर प्रिय है।
    मैं तेरे पवित्र तम्बू से प्रेम करता हूँ।

हे यहोवा, तू मुझे उन पापियों के दल में मत मिला,
    जब तू उन हत्यारों का प्राण लेगा तब मुझे मत मार।
10 वे लोग सम्भव है, छलने लग जाये।
    सम्भव है, वे लोग बुरे काम करने को रिश्वत ले लें।
11 लेकिन मैं निश्चल हूँ, सो हे परमेश्वर,
    मुझ पर दयालु हो और मेरी रक्षा कर।
12 मैं नेक जीवन जीता रहा हूँ।
    मैं तेरे प्रशंसा गीत, हे यहोवा, जब भी तेरी भक्त मण्डली साथ मिली, गाता रहा हूँ।

दाऊद को समर्पित।

हे यहोवा, तू मेरी ज्योति और मेरा उद्धारकर्ता है।
    मुझे तो किसी से भी नहीं डरना चाहिए!
यहोवा मेरे जीवन के लिए सुरक्षित स्थान है।
    सो मैं किसी भी व्यक्ति से नहीं डरुँगा।
सम्भव है, दुष्ट जन मुझ पर चढ़ाई करें।
    सम्भव है, वे मेरे शरीर को नष्ट करने का यत्न करे।
सम्भव है मेरे शत्रु मुझे नष्ट करने को
    मुझ पर आक्रमण का यत्न करें।
पर चाहे पूरी सेना मुझको घेर ले, मैं नहीं डरुँगा।
    चाहे युद्धक्षेत्र में मुझ पर लोग प्रहार करे, मैं नहीं डरुँगा। क्योंकि मैं यहोवा पर भरोसा करता हूँ।

मैं यहोवा से केवल एक वर माँगना चाहता हूँ,
    “मैं अपने जीवन भर यहोवा के मन्दिर में बैठा रहूँ,
ताकि मैं यहोवा की सुन्दरता को देखूँ,
    और उसके मन्दिर में ध्यान करुँ।”

जब कभी कोई विपत्ति मुझे घेरेगी, यहोवा मेरी रक्षा करेगा।
    वह मुझे अपने तम्बू मैं छिपा लेगा।
    वह मुझे अपने सुरक्षित स्थान पर ऊपर उठा लेगा।
मुझे मेरे शत्रुओं ने घेर रखा है। किन्तु अब उन्हें पराजित करने में यहोवा मेरा सहायक होगा।
    मैं उसके तम्बू में फिर भेंट चढ़ाऊँगा।
    जय जयकार करके बलियाँ अर्पित करुँगा। मैं यहोवा की अभिवंदना में गीतों को गाऊँगा और बजाऊँगा।

हे यहोवा, मेरी पुकार सुन, मुझको उत्तर दे।
    मुझ पर दयालु रह।
हे योहवा, मैं चाहता हूँ अपने हृदय से तुझसे बात करुँ।
    हे यहोवा, मैं तुझसे बात करने तेरे सामने आया हूँ।
हे यहोवा, अपना मुख अपने सेवक से मत मोड़।
    मेरी सहायता कर! मुझे तू मत ठुकरा! मेरा त्याग मत कर!
    मेरे परमेश्वर, तू मेरा उद्धारकर्ता है।
10 मेरी माता और मेरे पिता ने मुझको त्याग दिया,
    पर यहोवा ने मुझे स्वीकारा और अपना बना लिया।
11 हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण, मुझे अपना मार्ग सिखा।
    मुझे अच्छे कामों की शिक्षा दे।
12 मुझ पर मेरे शत्रुओं ने आक्रमण किया है।
    उन्होंने मेरे लिए झूठ बोले हैं। वे मुझे हानि पहुँचाने के लिए झूठ बोले।
13 मुझे भरोसा है कि मरने से पहले मैं सचमुच यहोवा की धार्मिकता देखूँगा।
14 यहोवा से सहायता की बाट जोहते रहो!
    साहसी और सुदृढ़ बने रहो
    और यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा करते रहो।

दाऊद को समर्पित।

हे यहोवा, तू मेरी चट्टान है,
मैं तुझको सहायता पाने को पुकार रहा हूँ।
    मेरी प्रार्थनाओं से अपने कान मत मूँद,
यदि तू मेरी सहायता की पुकार का उत्तर नहीं देगा,
    तो लोग मुझे कब्र में मरा हुआ जैसा समझेंगे।
हे यहोवा, तेरे पवित्र तम्बू की ओर मैं अपने हाथ उठाकर प्रार्थना करता हूँ।
    जब मैं तुझे पुकारुँ, तू मेरी सुन
    और तू मुझ पर अपनी करुणा दिखा।
हे यहोवा, मुझे उन बुरे व्याक्तियों की तरह मत सोच जो बुरे काम करते हैं।
    जो अपने पड़ोसियों से “सलाम” (शांति) करते हैं, किन्तु अपने हृदय में अपने पड़ोसियों के बारे में कुचक्र सोचते हैं।
हे यहोवा, वे व्यक्ति अन्य लोगों का बुरा करते हैं।
    सो तू उनके साथ बुरी घटनाएँ घटा।
    उन दुर्जनों को तू वैसे दण्ड दे जैसे उन्हें देना चाहिए।
दुर्जन उन उत्तम बातों को जो यहोवा करता नहीं समझते।
    वे परमेश्वर के उत्तम कर्मो को नहीं देखते। वे उसकी भलाई को नहीं समझते।
    वे तो केवल किसी का नाश करने का यत्न करते हैं।

यहोवा की स्तुति करो!
    उसने मुझ पर करुणा करने की विनती सुनी।
यहोवा मेरी शक्ति है, वह मेरी ढाल है।
    मुझे उसका भरोसा था।
उसने मेरी सहायता की।
    मैं अति प्रसन्न हूँ, और उसके प्रशंसा के गीत गाता हूँ।
यहोवा अपने चुने राजा की रक्षा करता है।
    वह उसे हर पल बचाता है। यहोवा ही उसका बल है।

हे परमेश्वर, अपने लोगों की रक्षा कर।
    जो तेरे हैं उनको आशीष दे।
    उनको मार्ग दिखा और सदा सर्वदा उनका उत्थान कर।

दाऊद का एक गीत।

परमेश्वर के पुत्रों, यहोवा की स्तुति करो!
    उसकी महिमा और शक्ति के प्रशंसा गीत गाओ।
यहोवा की प्रशंसा करो और उसके नाम को आदर प्रकट करो।
    विशेष वस्त्र पहनकर उसकी आराधना करो।
समुद्र के ऊपर यहोवा की वाणी निज गरजती है।
    परमेश्वर की वाणी महासागर के ऊपर मेघ के गरजन की तरह गरजता है।
यहोवा की वाणी उसकी शक्ति को दिखाती है।
    उसकी ध्वनि उसके महिमा को प्रकट करती है।
यहोवा की वाणी देवदार वृक्षों को तोड़ कर चकनाचूर कर देता है।
    यहोवा लबानोन के विशाल देवदार वृक्षों को तोड़ देता है।
यहोवा लबानोन के पहाड़ों को कँपा देता है। वे नाचते बछड़े की तरह दिखने लगता है।
    हेर्मोन का पहाड़ काँप उठता है और उछलती जवान बकरी की तरह दिखता है।
यहोवा की वाणी बिजली की कौधो से टकराती है।
यहोवा की वाणी मरुस्थलों को कँपा देती है।
    यहोवा के स्वर से कादेश का मरुस्थल काँप उठता है।
यहोवा की वाणी से हरिण भयभीत होते हैं।
    यहोवा दुर्गम वनों को नष्ट कर देता है।
किन्तु उसके मन्दिर में लोग उसकी प्रशंसा के गीत गाते हैं।

10 जलप्रलय के समय यहोवा राजा था।
    वह सदा के लिये राजा रहेगा।
11 यहोवा अपने भक्तों की रक्षा सदा करे,
    और अपने जनों को शांति का आशीष दे।

मन्दिर के समर्पण के लिए दाऊद का एक पद।

हे यहोवा, तूने मेरी विपत्तियों से मेरा उद्धार किया है।
    तूने मेरे शत्रुओं को मुझको हराने और मेरी हँसी उड़ाने नहीं दी।
    सो मैं तेरे प्रति आदर प्रकट करुँगा।
हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैंने तुझसे प्रार्थना की।
    तूने मुझको चँगा कर दिया।
कब्र से तूने मेरा उद्धार किया, और मुझे जीने दिया।
    मुझे मुर्दों के साथ मुर्दों के गर्त में पड़े हुए नहीं रहना पड़ा।

परमेश्वर के भक्तों, यहोवा की स्तुति करो!
    उसके शुभ नाम की प्रशंसा करो।
यहोवा क्रोधित हुआ, सो निर्णय हुआ “मृत्यु।”
    किन्तु उसने अपना प्रेम प्रकट किया और मुझे “जीवन” दिया।
मैं रात को रोते बिलखाते सोया।
    अगली सुबह मैं गाता हुआ प्रसन्न था।

मैं अब यह कह सकता हूँ, और मैं जानता हूँ
    यह निश्चय सत्य है, “मैं कभी नहीं हारुँगा!”
हे यहोवा, तू मुझ पर दयालु हुआ
    और मुझे फिर अपने पवित्र पर्वत पर खड़े होने दिया।
तूने थोड़े समय के लिए अपना मुख मुझसे फेरा
    और मैं बहुत घबरा गया।
हे परमेश्वर, मैं तेरी ओर लौटा और विनती की।
    मैंने मुझ पर दया दिखाने की विनती की।
मैंने कहा, “परमेश्वर क्या यह अच्छा है कि मैं मर जाऊँ
    और कब्र के भीतर नीचे चला जाऊँ
मरे हुए जन तो मिट्टी में लेटे रहते हैं,
    वे तेरे नेक की स्तुति जो सदा सदा बनी रहती है नहीं करते।
10 हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन और मुझ पर करुणा कर!
    हे यहोवा, मेरी सहायता कर!”

11 मैंने प्रार्थना की और तूने सहायता की! तूने मेरे रोने को नृत्य में बदल दिया।
मेरे शोक वस्त्र को तूने उतार फेंका,
    और मुझे आनन्द में सराबोर कर दिया।
12 हे यहोवा, मैं तेरा सदा यशगान करुँगा। मैं ऐसा करुँगा जिससे कभी नीरवता न व्यापे।
    तेरी प्रशंसा सदा कोई गाता रहेगा।

संगीत निर्देशक को दाऊद का एक पद।

हे यहोवा, मैं तेरे भरोसे हूँ,
    मुझे निराश मत कर।
    मुझ पर कृपालु हो और मेरी रक्षा कर।
हे यहोवा, मेरी सुन,
    और तू शीघ्र आकर मुझको बचा ले।
मेरी चट्टान बन जा, मेरा सुरक्षा बन।
    मेरा गढ़ बन जा, मेरी रक्षा कर!
हे परमेश्वर, तू मेरी चट्टान है,
    सो अपने निज नाम हेतु मुझको राह दिखा और मेरी अगुवाई कर।
मेरे लिए मेरे शत्रुओं ने जाल फैलाया है।
    उनके फँदे से तू मुझको बचा ले, क्योंकि तू मेरा सुरक्षास्थल है।
हे परमेश्वर यहोवा, मैं तो तुझ पर भरोसा कर सकता हूँ।
    मैं मेरा जीवन तेरे हाथ में सौपता हूँ।
    मेरी रक्षा कर!
जो मिथ्या देवों को पूजते रहते हैं, उन लोगों से मुझे घृणा है।
    मैं तो बस यहोवा में विश्वास रखता हूँ।
हे यहोवा, तेरी करुणा मुझको अति आनन्दित करती है।
    तूने मेरे दु:खों को देख लिया
    और तू मेरे पीड़ाओं के विषय में जानता है।
तू मेरे शत्रुओं को मुझ पर भारी पड़ने नहीं देगा।
    तू मुझे उनके फँदों से छुडाएगा।
हे यहोवा, मुझ पर अनेक संकट हैं। सो मुझ पर कृपा कर।
    मैं इतना व्याकुल हूँ कि मेरी आँखें दु:ख रही हैं।
    मेरे गला और पेट पीड़ित हो रहे हैं।
10 मेरा जीवन का अंत दु:ख में हो रहा है।
    मेरे वर्ष आहों में बीतते जाते हैं।
मेरी वेदनाएँ मेरी शक्ति को निचोड़ रही हैं।
    मेरा बल मेरा साथ छोड़ता जा रहा है।
11 मेरे शत्रु मुझसे घृणा रखते हैं।
    मेरे पड़ोसी मेरे बैरी बने हैं।
मेरे सभी सम्बन्धी मुझे राह में देख कर
    मुझसे डर जाते हैं
    और मुझसे वे सब कतराते हैं।
12 मुझको लोग पूरी तरह से भूल चुके हैं।
    मैं तो किसी खोये औजार सा हो गया हूँ।
13 मैं उन भयंकर बातों को सुनता हूँ जो लोग मेरे विषय में करते हैं।
    वे सभी लोग मेरे विरुद्ध हो गए हैं। वे मुझे मार डालने की योजनाएँ रचते हैं।

14 हे यहोवा, मेरा भरोसा तुझ पर है।
    तू मेरा परमेश्वर है।
15 मेरा जीवन तेरे हाथों में है। मेरे शत्रुओं से मुझको बचा ले।
    उन लोगों से मेरी रक्षा कर, जो मेरे पीछे पड़े हैं।
16 कृपा करके अपने दास को अपना ले।
    मुझ पर दया कर और मेरी रक्षा कर!
17 हे यहोवा, मैंने तेरी विनती की।
    इसलिए मैं निराश नहीं होऊँगा।
बुरे मनुष्य तो निराश हो जाएँगे।
    और वे कब्र में नीरव चले जाएँगे।
18 दुर्जन डींग हाँकते हैं
    और सज्जनों के विषय में झूठ बोलते हैं।
वे दुर्जन बहुत ही अभिमानी होते हैं।
    किन्तु उनके होंठ जो झूठ बोलते रहते हैं, शब्द हीन होंगे।

19 हे परमेश्वर, तूने अपने भक्तों के लिए बहुत सी अदूभुत वस्तुएँ छिपा कर रखी हैं।
    तू सबके सामने ऐसे मनुष्यों के लिए जो तेरे विश्वासी हैं, भले काम करता है।
20 दुर्जन सज्जनों को हानि पहुँचाने के लिए जुट जाते हैं।
    वे दुर्जन लड़ाई भड़काने का जतन करते हैं।
    किन्तु तू सज्जनों को उनसे छिपा लेता है, और उन्हें बचा लेता है। तू सज्जनों की रक्षा अपनी शरण में करता है।
21 यहोवा कि स्तुति करो! जब नगर को शत्रुओं ने घेर रखा था,
    तब उसने अपना सच्चा प्रेम अद्भुत रीति से दिखाया।
22 मैं भयभीत था, और मैंने कहा था, “मैं तो ऐसे स्थान पर हूँ जहाँ मुझे परमेश्वर नहीं देख सकता है।”
    किन्तु हे परमेश्वर, मैंने तुझसे विनती की और तूने मेरी सहायता की पुकार सुन ली।

23 परमेश्वर के भक्तों, तुम को यहोवा से प्रेम करना चाहिए!
    यहोवा उन लोगों को जो उसके प्रति सच्चे हैं, रक्षा करता है।
किन्तु यहोवा उनको जो अपनी ताकत की ढोल पीटते है।
    उनको वह वैसा दण्ड देता है, जैसा दण्ड उनको मिलना चाहिए।
24 अरे ओ मनुष्यों जो यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा करते हो, सुदृढ़ और साहसी बनो!

दाऊद का एक गीत।

धन्य है वह जन जिसके पाप क्षमा हुए।
    धन्य है वह जन जिसके पाप धुल गए।
धन्य है वह जन
    जिसे यहोवा दोषी न कहे,
    धन्य है वह जन जो अपने गुप्त पापों को छिपाने का जतन न करे।

हे परमेश्वर, मैंने तुझसे बार बार विनती की,
    किन्तु अपने छिपे पाप तुझको नहीं बताए।
    जितनी बार मैंने तेरी विनती की, मैं तो और अधिक दुर्बल होता चला गया।
हे परमेश्वर, तूने मेरा जीवन दिन रात कठिन से कठिनतर बना दिया।
    मैं उस धरती सा सूख गया हूँ जो ग्रीष्म ताप से सूख गई है।

किन्तु फिर मैंने यहोवा के समक्ष अपने सभी पापों को मानने का निश्चय कर लिया है। हे यहोवा, मैंने तुझे अपने पाप बता दिये।
    मैंने अपना कोई अपराध तुझसे नहीं छुपाया।
    और तूने मुझे मेरे पापों के लिए क्षमा कर दिया!
इसलिए, परमेश्वर, तेरे भक्तों को तेरी विनती करनी चाहिए।
    वहाँ तक कि जब विपत्ति जल प्रलय सी उमड़े तब भी तेरे भक्तों को तेरी विनती करनीचाहिए।
हे परमेश्वर, तू मेरा रक्षास्थल है।
    तू मुझको मेरी विपत्तियों से उबारता है।
तू मुझे अपनी ओट में लेकर विपत्तियों से बचाता है।
    सो इसलिए मैं, जैसे तूने रक्षा की है, उन्हीं बातों के गीत गाया करता हूँ।
यहोवा कहता है, “मैं तुझे जैसे चलना चाहिए सिखाऊँगा
    और तुझे वह राह दिखाऊँगा।
    मैं तेरी रक्षा करुँगा और मैं तेरा अगुवा बनूँगा।
सो तू घोड़े या गधे सा बुद्धिहीन मत बन। उन पशुओं को तो मुखरी और लगाम से चलाया जाता है।
    यदि तू उनको लगाम या रास नहीं लगाएगा, तो वे पशु निकट नहीं आयेंगे।”

10 दुर्जनों को बहुत सी पीड़ाएँ घेरेंगी।
    किन्तु उन लोगों को जिन्हें यहोवा पर भरोसा है, यहोवा का सच्चा प्रेम ढक लेगा।
11 सज्जन तो यहोवा में सदा मगन और आनन्दित रहते हैं।
    अरे ओ लोगों, तुम सब पवित्र मन के साथ आनन्द मनाओ।

हे सज्जन लोगों, यहोवा में आनन्द मनाओ!
    सज्जनो सत पुरुषों, उसकी स्तुति करो!
वीणा बजाओ और उसकी स्तुति करो!
    यहोवा के लिए दस तार वाले सांरगी बजाओ।
अब उसके लिये नया गीत गाओ।
    खुशी की धुन सुन्दरता से बजाओ!
परमेश्वर का वचन सत्य है।
    जो भी वह करता है उसका तुम भरोसा कर सकते हो।
नेकी और निष्पक्षता परमेश्वर को भाती है।
    यहोवा ने अपने निज करुणा से इस धरती को भर दिया है।
यहोवा ने आदेश दिया और सृष्टि तुरंत अस्तित्व में आई।
    परमेश्वर के श्वास ने धरती पर हर वस्तु रची।
परमेश्वर ने सागर में एक ही स्थान पर जल समेटा।
    वह सागर को अपने स्थान पर रखता है।
धरती के हर मनुष्य को यहोवा का आदर करना और डरना चाहिए।
    इस विश्व में जो भी मनुष्य बसे हैं, उनको चाहिए कि वे उससे डरें।
क्योंकि परमेश्वर को केवल बात भर कहनी है, और वह बात तुरंत घट जाती है।
    यदि वह किसी को रुकने का आदेश दे, तो वह तुरंत थम दाती है।
10 परमेश्वर चाहे तो सभी सुझाव व्यर्थ करे।
    वह किसी भी जन के सब कुचक्रों को व्यर्थ कर सकता है।
11 किन्तु यहोवा के उपदेश सदा ही खरे होते है।
    उसकी योजनाएँ पीढी पर पीढी खरी होती हैं।
12 धन्य हैं वे मनुष्य जिनका परमेश्वर यहोवा है।
    परमेश्वर ने उन्हें अपने ही मनुष्य होने को चुना है।
13 यहोवा स्वर्ग से नीचे देखता रहता है।
    वह सभी लोगों को देखता रहता है।
14 वह ऊपर ऊँचे पर संस्थापित आसन से
    धरती पर रहने वाले सब मनुष्यों को देखता रहता है।
15 परमेश्वर ने हर किसी का मन रचा है।
    सो कोई क्या सोच रहा है वह समझता है।
16 राजा की रक्षा उसके महाबल से नहीं होती है,
    और कोई सैनिक अपने निज शक्ति से सुरक्षित नहीं रहता।
17 युद्ध में सचमुच अश्वबल विजय नहीं देता।
    सचमुच तुम उनकी शक्ति से बच नहीं सकते।
18 जो जन यहोवा का अनुसरण करते हैं, उन्हें यहोवा देखता है और रखवाली करता है।
    जो मनुष्य उसकी आराधना करते हैं, उनको उसका महान प्रेम बचाता है।
19 उन लोगों को मृत्यु से बचाता है।
    वे जब भूखे होते तब वह उन्हें शक्ति देता है।
20 इसलिए हम यहोवा की बाट जोहेंगे।
    वह हमारी सहायता और हमारी ढाल है।
21 परमेश्वर मुझको आनन्दित करता है।
    मुझे सचमुच उसके पवित्र नाम पर भरोसा है।
22 हे यहोवा, हम सचमुच तेरी आराधना करते हैं!
    सो तू हम पर अपना महान प्रेम दिखा।

जब दाऊद ने अबीमेलेक के सामने पागलपन का आचरण किया। जिससे अबीमेलेक उसे भगा दे, इस प्रकार दाऊद उसे छोड़कर चला गया। उसी अवसर का दाऊद का एक पद।

मैं यहोवा को सदा धन्य कहूँगा।
    मेरे होठों पर सदा उसकी स्तुति रहती है।
हे नम्र लोगों, सुनो और प्रसन्न होओ।
    मेरी आत्मा यहोवा पर गर्व करती है।
मेरे साथ यहोवा की गरिमा का गुणगान करो।
    आओ, हम उसके नाम का अभिनन्दन करें।
मैं परमेश्वर के पास सहायता माँगने गया।
उसने मेरी सुनी।
    उसने मुझे उन सभी बातों से बचाया जिनसे मैं डरता हूँ।
परमेश्वर की शरण में जाओ।
    तुम स्वीकारे जाओगे।
    तुम लज्जा मत करो।
इस दीन जन ने यहोवा को सहायता के लिए पुकारा,
    और यहोवा ने मेरी सुन ली।
    और उसने सब विपत्तियों से मेरी रक्षा की।
यहोवा का दूत उसके भक्त जनों के चारों ओर डेरा डाले रहता है।
    और यहोवा का दूत उन लोगों की रक्षा करता है।
चखो और समझो कि यहोवा कितना भला है।
    वह व्यक्ति जो यहोवा के भरोसे है सचमुच प्रसन्न रहेगा।
यहोवा के पवित्र जन को उसकी आराधना करनी चाहिए।
    यहोवा केभक्तों के लिए कोई अन्य सुरक्षित स्थान नहीं है।
10 आज जो बलवान हैं दुर्बल और भूखे हो जाएंगे।
    किन्तु जो परमेश्वर के शरण आते हैं वे लोग हर उत्तम वस्तु पाएंगे।
11 हे बालकों, मेरी सुनो,
    और मैं तुम्हें सिखाऊँगा कि यहोवा की सेवा कैसे करें।
12 यदि कोई व्यक्ति जीवन से प्रेम करता है,
    और अच्छा और दीर्घायु जीवन चाहता है,
13 तो उस व्यक्ति को बुरा नहीं बोलना चाहिए,
    उस व्यक्ति को झूठ नहीं बोलना चाहिए।
14 बुरे काम मत करो। नेक काम करते रहो।
    शांति के कार्य करो।
    शांति के प्रयासों में जुटे रहो जब तक उसे पा न लो।
15 यहोवा सज्जनों की रक्षा करता है।
    उनकी प्रार्थनाओं पर वह कान देता है।
16 किन्तु यहोवा, जो बुरे काम करते हैं, ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध होता है।
    वह उनको पूरी तरह नष्ट करता है।

17 यहोवा से विनती करो, वह तुम्हारी सुनेगा।
    वह तुम्हें तुम्हारी सब विपत्तियों से बचा लेगा।
18 लोगों को विपत्तियाँ आ सकती है और वे अभिमानी होना छोड़ते हैं। यहोवा उन लोगों के निकट रहता है।
    जिनके टूटे मन हैं उनको वह बचा लेगा।
19 सम्भव है सज्जन भी विपत्तियों में घिर जाए।
    किन्तु यहोवा उन सज्जनों की उनकी हर समस्या से रक्षा करेगा।
20 यहोवा उनकी सब हड्डियों की रक्षा करेगा।
    उनकी एक भी हड्डी नहीं टूटेगी।
21 किन्तु दुष्ट की दुष्टता उनको ले डूबेगी।
    सज्जन के विरोधी नष्ट हो जायेंगे।
22 यहोवा अपने हर दास की आत्मा बचाता है।
    जो लोग उस पर निर्भर रहते हैं, वह उन लोगों को नष्ट नहीं होने देगा।

दाऊद को समर्पित।

हे यहोवा, मेरे मुकद्दमों को लड़।
    मेरे युद्धों को लड़!
हे यहोवा, कवच और ढाल धारण कर,
    खड़ा हो और मेरी रक्षा कर।
बरछी और भाला उठा,
    और जो मेरे पीछे पड़े हैं उनसे युद्ध कर।
हे यहोवा, मेरी आत्मा से कह, “मैं तेरा उद्धार करुँगा।”

कुछ लोग मुझे मारने पीछे पड़े हैं।
    उन्हें निराश और लज्जित कर।
    उनको मोड़ दे और उन्हें भगा दे।
मुझे क्षति पहुँचाने का कुचक्र जो रचा रहे हैं
    उन्हें असमंजस में डाल दे।
तू उनको ऐसा भूसे सा बना दे, जिसको पवन उड़ा ले जाती है।
    उनके साथ ऐसा होने दे कि, उनके पीछे यहोवा के दूत पड़ें।
हे यहोवा, उनकी राह अन्धेरे और फिसलनी हो जाए।
    यहोवा का दूत उनके पीछे पड़े।
मैंने तो कुछ भी बुरा नहीं किया है।
    किन्तु वे मनुष्य मुझे बिना किसी कारण के, फँसाना चाहते हैं। वे मुझे फँसाना चाहते हैं।
सो, हे यहोवा, ऐसे लोगों को उनके अपने ही जाल में गिरने दे।
    उनको अपने ही फंदो में पड़ने दे,
    और कोई अज्ञात खतरा उन पर पड़ने दे।
फिर तो यहोवा मैं तुझ में आनन्द मनाऊँगा।
    यहोवा के संरक्षण में मैं प्रसन्न होऊँगा।
10 मैं अपने सम्पूर्ण मन से कहूँगा,
    हे “यहोवा, तेरे समान कोई नहीं है।
तू सबलों से दुर्बलों को बचाता है।
    जो जन शक्तिशाली होते हैं, उनसे तू वस्तुओं को छीन लेता है और दीन और असहाय लोगों को देता है।”
11 एक झूठा साक्षी दल मुझको दु:ख देने को कुचक्र रच रहा है।
    ये लोग मुझसे अनेक प्रश्न पूछेंगे। मैं नहीं जानता कि वे क्या बात कर रहे हैं।
12 मैंने तो बस भलाई ही भलाई की है। किन्तु वे मुझसे बुराई करेंगे।
    हे यहोवा, मुझे वह उत्तम फल दे जो मुझे मिलना चाहिए।
13 उन पर जब दु:ख पड़ा, उनके लिए मैं दु:खी हुआ।
    मैंने भोजन को त्याग कर अपना दु:ख व्यक्त किया।
    जो मैंने उनके लिए प्रार्थना की, क्या मुझे यही मिलना चाहिए?
14 उन लोगों के लिए मैंने शोक वस्त्र धारण किये। मैंने उन लोगों के साथ मित्र वरन भाई जैसा व्यवहार किया। मैं उस रोते मनुष्य सा दु:खी हुआ, जिसकी माता मर गई हो।
    ऐसे लोगों से शोक प्रकट करने के लिए मैंने काले वस्त्र पहन लिए। मैं दु:ख में डूबा और सिर झुका कर चला।
15 पर जब मुझसे कोई एक चूक हो गई, उन लोगों ने मेरी हँसी उड़ाई।
    वे लोग सचमुच मेरे मित्र नहीं थे।
मैं उन लोगोंको जानता तक नहीं। उन्होंने मुझको घेर लिया और मुझ पर प्रहार किया।
16 उन्होंने मुझको गालियाँ दीं और हँसी उड़ायी।
    अपने दाँत पीसकर उन लोगों ने दर्शाया कि वे मुझ पर क्रुद्ध हैं।

17 मेरे स्वामी, तू कब तक यह सब बुरा होते हुए देखेगा ये लोग मुझे नाश करने का प्रयत्न कर रहे हैं।
    हे यहोवा, मेरे प्राण बचा ले। मेरे प्रिय जीवन की रक्षा कर। वे सिंह जैसे बन गए हैं।

18 हे यहोवा, मैं महासभा में तेरी स्तुति करुँगा।
    मैं बलशाली लोगों के संग रहते तेरा यश बखानूँगा।
19 मेरे मिथ्यावादी शत्रु हँसते नहीं रहेंगे।
    सचमुच मेरे शत्रु अपनी छुपी योजनाओं के लिए दण्ड पाएँगे।
20 मेरे शत्रु सचमुच शांति की योजनाएँ नहीं रचते हैं।
    वे इस देश के शांतिप्रिय लोगों के विरोध में छिपे छिपे बुरा करने का कुचक्र रच रहे हैं।
21 मेरे शत्रु मेरे लिए बुरी बातें कह रहे हैं।
    वे झूठ बोलते हुए कह रहे हैं, “अहा! हम सब जानते हैं तुम क्या कर रहे हो!”
22 हे यहोवा, तू सचमुच देखता है कि क्या कुछ घट रहा है।
    सो तू छुपा मत रह,
    मुझको मत छोड़।
23 हे यहोवा, जाग! उठ खड़ा हो जा!
    मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी लड़ाई लड़, और मेरा न्याय कर।
24 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, अपनी निष्पक्षता से मेरा न्याय कर,
    तू उन लोगों को मुझ पर हँसने मत दे।
25 उन लोगों को ऐसे मत कहने दे, “अहा! हमें जो चाहिए था उसे पा लिया!”
    हे यहोवा, उन्हें मत कहने दे, “हमने उसको नष्ट कर दिया।”
26 मैं आशा करता हूँ कि मेरे शत्रु निराश और लज्जित होंगे।
    वे जन प्रसन्न थे जब मेरे साथ बुरी बातें घट रही थीं।
वे सोचा करते कि वे मुझसे श्रेष्ठ हैं!
    सो ऐसे लोगों को लाज में डूबने दे।
27 कुछ लोग मेरा नेक चाहते हैं।
    मैं आशा करता हूँ कि वे बहुत आनन्दित होंगे!
वे हमेशा कहते हैं, “यहोवा महान है! वह अपने सेवक की अच्छाई चाहता है।”

28 सो, हे यहोवा, मैं लोगों को तेरी अच्छाई बताऊँगा।
    हर दिन, मैं तेरी स्तुति करुँगा।

संगीत निर्देशक के लिए यहोवा के दास दाऊद का एक पद।

बुरा व्यक्ति बहुत बुरा करता है जब वह स्वयं से कहता है,
    “मैं परमेश्वर का आदर नहीं करता और न ही डरता हूँ।”
वह मनुष्य स्वयं से झूठ बोलता है।
    वह मनुष्य स्वयं अपने खोट को नहीं देखता।
    इसलिए वह क्षमा नहीं माँगता।
उसके वचन बस व्यर्थ और झूठे होते हैं।
    वह विवेकी नहीं होता और न ही अच्छे काम सीखता है।
रात को वह अपने बिस्तर में कुचक्र रचता है।
    वह जाग कर कोई भी अच्छा काम नहीं करता।
    वह कुकर्म को छोड़ना नहीं चाहता।

हे यहोवा, तेरा सच्चा प्रेम आकाश से भी ऊँचा है।
    हे यहोवा, तेरी सच्चाई मेघों से भी ऊँची है।
हे यहोवा, तेरी धार्मिकता सर्वोच्च पर्वत से भी ऊँची है।
    तेरी शोभा गहरे सागर से गहरी है।
हे यहोवा, तू मनुष्यों और पशुओ का रक्षक है।
तेरी करुणा से अधिक मूल्यवान कुछ भी नहीं हैं।
    मनुष्य और दूत तेरे शरणागत हैं।
हे यहोवा, तेरे मन्दिर की उत्तम बातों से वे नयी शक्ति पाते हैं।
    तू उन्हें अपने अद्भुत नदी के जल को पीने देता है।
हे यहोवा, तुझसे जीवन का झरना फूटता है!
    तेरी ज्योति ही हमें प्रकाश दिखाती है।
10 हे यहोवा, जो तुझे सच्चाई से जानते हैं, उनसे प्रेम करता रह।
    उन लोगों पर तू अपनी निज नेकी बरसा जो तेरे प्रति सच्चे हैं।
11 हे यहोवा, तू मुझे अभिमानियों के जाल में मत फँसने दे।
    दुष्ट जन मुझको कभी न पकड़ पायें।

12 उनके कब्रों के पत्थरो पर यह लिख दे:
    “दुष्ट लोग यहाँ पर गिरे हैं।
    वे कुचले गए।
    वे फिर कभी खड़े नहीं हो पायेंगे।”

दाऊद को समर्पित।

दुर्जनों से मत घबरा,
    जो बुरा करते हैं ऐसे मनुष्यों से ईर्ष्या मत रख।
दुर्जन मनुष्य घास और हरे पौधों की तरह
    शीघ्र पीले पड़ जाते हैं और मर जाते हैं।
यदि तू यहोवा पर भरोसा रखेगा और भले काम करेगा तो तू जीवित रहेगा
    और उन वस्तुओं का भोग करेगा जो धरती देती है।
यहोवा की सेवा में आनन्द लेता रह,
    और यहोवा तुझे तेरा मन चाहा देगा।
यहोवा के भरोसे रह। उसका विश्वास कर।
    वह वैसा करेगा जैसे करना चाहिए।
दोपहर के सूर्य सा, यहोवा तेरी नेकी
    और खरेपन को चमकाए।
यहोवा पर भरोसा रख और उसके सहारे की बाट जोह।
    तू दुष्टों की सफलता देखकर घबराया मत कर। तू दुष्टों की दुष्ट योजनाओं को सफल होते देख कर मत घबरा।
तू क्रोध मत कर! तू उन्मादी मत बन! उतना मत घबरा जा कि तू बुरे काम करना चाहे।
क्योंकि बुरे लोगों को तो नष्ट किया जायेगा।
    किन्तु वे लोग जो यहोवा पर भरोसे हैं, उस धरती को पायेंगे जिसे देने का परमेश्वर ने वचन दिया।
10 थोड़े ही समय बाद कोई दुर्जन नहीं बचेगा।
    ढूँढने से भी तुमको कोई दुष्ट नहीं मिलेगा!
11 नम्र लोग वह धरती पाएंगे जिसे परमेश्वर ने देने का वचन दिया है।
    वे शांति का आनन्द लेंगे।

12 दुष्ट लोग सज्जनों के लिये कुचक्र रचते हैं।
    दुष्ट जन सज्जनों के ऊपर दाँत पीसकर दिखाते हैं कि वे क्रोधित हैं।
13 किन्तु हमारा स्वामी उन दुर्जनों पर हँसता है।
    वह उन बातों को देखता है जो उन पर पड़ने को है।
14 दुर्जन तो अपनी तलवारें उठाते हैं और धनुष साधते हैं। वे दीनों, असहायों को मारना चाहते हैं।
    वे सच्चे, सज्जनों को मारना चाहते हैं।
15 किन्तु उनके धनुष चूर चूर हो जायेंगे।
    और उनकी तलवारें उनके अपने ही हृदयों में उतरेंगी।
16 थोड़े से भले लोग,
    दुर्जनों की भीड़ से भी उत्तम है।
17 क्योंकि दुर्जनों को तो नष्ट किया जायेगा।
    किन्तु भले लोगों का यहोवा ध्यान रखता है।
18 शुद्ध सज्जनों को यहोवा उनके जीवन भर बचाता है।
    उनका प्रतिफल सदा बना रहेगा।
19 जब संकट होगा,
    सज्जन नष्ट नहीं होंगे।
जब अकाल पड़ेगा,
    सज्जनों के पास खाने को भरपूर होगा।
20 किन्तु बुरे लोग यहोवा के शत्रु हुआ करते हैं।
    सो उन बुरे जनों को नष्ट किया जाएगा,
उनकी घाटियाँ सूख जाएंगी और जल जाएंगी।
    उनको तो पूरी तरह से मिटा दिया जायेगा।
21 दुष्ट तो तुरंत ही धन उधार माँग लेता है, और उसको फिर कभी नहीं चुकाता।
    किन्तु एक सज्जन औरों को प्रसन्नता से देता रहता है।
22 यदि कोई सज्जन किसी को आशीर्वाद दे, तो वे मनुष्य उस धरती को जिसे परमेश्वर ने देने का वचन दिया है, पाएंगे।
    किन्तु यदि वह शाप दे मनुष्यों को, तो वे मनुष्य नाश हो जाएंगे।
23 यहोवा, सैनिक की सावधानी से चलने में सहायता करता है।
    और वह उसको पतन से बचाता है।
24 सैनिक यदि दौड़ कर शत्रु पर प्रहार करें,
    तो उसके हाथ को यहोवा सहारा देता है, और उसको गिरने से बचाता है।
25 मैं युवक हुआ करता था पर अब मैं बूढा हूँ।
    मैंने कभी यहोवा को सज्जनों को असहाय छोड़ते नहीं देखा।
    मैंने कभी सज्जनों की संतानों को भीख माँगते नहीं देखा।
26 सज्जन सदा मुक्त भाव से दान देता है।
    सज्जनों के बालक वरदान हुआ करते हैं।
27 यदि तू कुकर्मो से अपना मुख मोड़े, और यदि तू अच्छे कामों को करता रहे,
    तो फिर तू सदा सर्वदा जीवित रहेगा।
28 यहोवा खरेपन से प्रेम करता है,
    वह अपने निज भक्त को असहाय नहीं छोड़ता।
यहोवा अपने निज भक्तों की सदा रक्षा करता है,
    और वह दुष्ट जन को नष्ट कर देता है।
29 सज्जन उस धरती को पायेंगे जिसे देने का परमेश्वर ने वचन दिया है,
    वे उस में सदा सर्वदा निवास करेंगे।
30 भला मनुष्य तो खरी सलाह देता है।
    उसका न्याय सबके लिये निष्पक्ष होता है।
31 सज्जन के हृदय (मन) में यहोवा के उपदेश बसे हैं।
    वह सीधे मार्ग पर चलना नहीं छोड़ता।

32 किन्तु दुर्जन सज्जन को दु:ख पहुँचाने का रास्ता ढूँढता रहता है, और दुर्जन सज्जन को मारने का यत्न करते हैं।
33 किन्तु यहोवा दुर्जनों को मुक्त नहीं छोड़ेगा।
    वह सज्जन को अपराधी नहीं ठहरने देगा।
34 यहोवा की सहायता की बाट जोहते रहो।
    यहोवा का अनुसरण करते रहो। दुर्जन नष्ट होंगे। यहोवा तुझको महत्वपूर्ण बनायेगा।
    तू वह धरती पाएगा जिसे देने का यहोवा ने वचन दिया है।

35 मैंने दुष्ट को बलशाली देखा है।
    मैंने उसे मजबूत और स्वस्थ वृक्ष की तरह शक्तिशाली देखा।
36 किन्तु वे फिर मिट गए।
    मेरे ढूँढने पर उनका पता तक नहीं मिला।
37 सच्चे और खरे बनो,
    क्योंकि इसी से शांति मिलती है।
38 जो लोग व्यवस्था नियम तोड़ते हैं
    नष्ट किये जायेंगे।
39 यहोवा नेक मनुष्यों की रक्षा करता है।
    सज्जनों पर जब विपत्ति पड़ती है तब यहोवा उनकी शक्ति बन जाता है।
40 यहोवा नेक जनों को सहारा देता है, और उनकी रक्षा करता है।
    सज्जन यहोवा की शरण में आते हैं और यहोवा उनको दुर्जनों से बचा लेता है।

हे यहोवा, क्रोध में मेरी आलोचना मत कर।
    मुझको अनुशासित करते समय मुझ पर क्रोधित मत हो।
हे यहोवा, तूने मुझे चोट दिया है।
    तेरे बाण मुझमें गहरे उतरे हैं।
तूने मुझे दण्डित किया और मेरी सम्पूर्ण काया दु:ख रही है,
    मैंने पाप किये और तूने मुझे दण्ड दिया। इसलिए मेरी हड्डी दु:ख रही है।
मैं बुरे काम करने का अपराधी हूँ,
    और वह अपराध एक बड़े बोझे सा मेरे कन्धे पर चढ़ा है।
मैं बना रहा मूर्ख,
    अब मेरे घाव दुर्गन्धपूर्ण रिसते हैं और वे सड़ रहे हैं।
मैं झुका और दबा हुआ हूँ।
    मैं सारे दिन उदास रहता हूँ।
मुझको ज्वर चढ़ा है,
    और समूचे शरीर में वेदना भर गई है।
मैं पूरी तरह से दुर्बल हो गया हूँ।
    मैं कष्ट में हूँ इसलिए मैं कराहता और विलाप करता हूँ।
हे यहोवा, तूने मेरा कराहना सुन लिया।
    मेरी आहें तो तुझसे छुपी नहीं।
10 मुझको ताप चढ़ा है।
    मेरी शक्ति निचुड़ गयी है। मेरी आँखों की ज्योति लगभग जाती रही।
11 क्योंकि मैं रोगी हूँ,
    इसलिए मेरे मित्र और मेरे पड़ोसी मुझसे मिलने नहीं आते।
    मेरे परिवार के लोग तो मेरे पास तक नहीं फटकते।
12 मेरे शत्रु मेरी निन्दा करते हैं।
    वे झूठी बातों और प्रतिवादों को फैलाते रहते हैं।
    मेरे ही विषय में वे हरदम बात चीत करते रहते हैं।
13 किन्तु मैं बहरा बना कुछ नहीं सुनता हूँ।
    मैं गूँगा हो गया, जो कुछ नहीं बोल सकता।
14 मैं उस व्यक्ति सा बना हूँ, जो कुछ नहीं सुन सकता कि लोग उसके विषय क्या कह रहे हैं।
    और मैं यह तर्क नहीं दे सकता और सिद्ध नहीं कर सकता की मेरे शत्रु अपराधी हैं।
15 सो, हे यहोवा, मुझे तू ही बचा सकता है।
    मेरे परमेश्वर और मेरे स्वामी मेरे शत्रुओं को तू ही सत्य बता दे।
16 यदि मैं कुछ भी न कहूँ, तो मेरे शत्रु मुझ पर हँसेंगे।
    मुझे खिन्न देखकर वे कहने लगेंगे कि मैं अपने कुकर्मो का फल भोग रहा हूँ।
17 मैं जानता हूँ कि मैं अपने कुकर्मो के लिए पापी हूँ।
    मैं अपनी पीड़ा को भूल नहीं सकता हूँ।
18 हे यहोवा, मैंने तुझको अपने कुकर्म बता दिये।
    मैं अपने पापों के लिए दु:खी हूँ।
19 मेरे शत्रु जीवित और पूर्ण स्वस्थ हैं।
    उन्होंने बहुत—बहुत झूठी बातें बोली हैं।
20 मेरे शत्रु मेरे साथ बुरा व्यवहार करते हैं,
    जबकि मैंने उनके लिये भला ही किया है।
मैं बस भला करने का जतन करता रहा,
    किन्तु वे सब लोग मेरे विरद्ध हो गये हैं।
21 हे यहोवा, मुझको मत बिसरा!
    मेरे परमेश्वर, मुझसे तू दूर मत रह!
22 देर मत कर, आ और मेरी सुधि ले!
    हे मेरे परमेश्वर, मुझको तू बचा ले!

संगीत निर्देशक को यदूतून के लिये दाऊद का एक पद।

मैंने कहा, “जब तक ये दुष्ट मेरे सामने रहेंगे,
    तब तक मैं अपने कथन के प्रति सचेत रहूँगा।
मैं अपनी वाणी को पाप से दूर रखूँगा।
    और मैं अपने मुँह को बंद कर लूँगा।”

सो इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा।
    मैंने भला भी नहीं कहा!
    किन्तु मैं बहुत परेशान हुआ।
मैं बहुत क्रोधित था।
    इस विषय में मैं जितना सोचता चला गया, उतना ही मेरा क्रोध बढ़ता चला गया।
    सो मैंने अपना मुख तनिक नहीं खोला।

हे यहोवा, मुझको बता कि मेरे साथ क्या कुछ घटित होने वाला है?
    मुझे बता, मैं कब तक जीवित रहूँगा?
    मुझको जानने दे सचमुच मेरा जीवन कितना छोटा है।
हे यहोवा, तूने मुझको बस एक क्षणिक जीवन दिया।
    तेरे लिये मेरा जीवन कुछ भी नहीं है।
हर किसी का जीवन एक बादल सा है। कोई भी सदा नहीं जीता!

वह जीवन जिसको हम लोग जीते हैं, वह झूठी छाया भर होता है।
    जीवन की सारी भाग दौड़ निरर्थक होती है। हम तो बस व्यर्थ ही चिन्ताएँ पालते हैं।
    धन दौलत, वस्तुएँ हम जोड़ते रहते हैं, किन्तु नहीं जानते उन्हें कौन भोगेगा।

सो, मेरे यहोवा, मैं क्या आशा रखूँ?
    तू ही बस मेरी आशा है!
हे यहोवा, जो कुकर्म मैंने किये हैं, उनसे तू ही मुझको बचाएगा।
    तू मेरे संग किसी को भी किसी अविवेकी जन के संग जैसा व्यवहार नहीं करने देगा।
मैं अपना मुँह नहीं खोलूँगा।
    मैं कुछ भी नहीं कहूँगा।
    यहोवा तूने वैसे किया जैसे करना चाहिए था।
10 किन्तुपरमेश्वर, मुझको दण्ड देना छोड़ दे।
    यदि तूने मुझको दण्ड देना नहीं छोड़ा, तो तू मेरा नाश करेगा!
11 हे यहोवा, तू लोगों को उनके कुकर्मो का दण्ड देता है। और इस प्रकार जीवन की खरी राह लोगों को सिखाता है।
    हमारी काया जीर्ण शीर्ण हो जाती है। ऐसे उस कपड़े सी जिसे कीड़ा लगा हो।
    हमारा जीवन एक छोटे बादल जैसे देखते देखते विलीन हो जाती है।

12 हे यहोवा, मेरी विनती सुन!
    मेरे शब्दों को सुन जो मैं तुझसे पुकार कर कहता हूँ।
    मेरे आँसुओं को देख।
मैं बस राहगीर हूँ, तुझको साथ लिये इस जीवन के मार्ग से गुजरता हूँ।
    इस जीवन मार्ग पर मैं अपने पूर्वजों की तरह कुछ समय मात्र टिकता हूँ।
13 हे यहोवा, मुझको अकेला छोड़ दे,
    मरने से पहले मुझे आनन्दित होने दे, थोड़े से समय बाद मैं जा चुका होऊँगा।

संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद पुकारा मैंने यहोवा को।

यहोवा को मैंने पुकारा। उसने मेरी सुनी।
    उसने मेरे रुदन को सुन लिया।
यहोवा ने मुझे विनाश के गर्त से उबारा।
    उसने मुझे दलदली गर्त से उठाया,
और उसने मुझे चट्टान पर बैठाया।
    उसने ही मेरे कदमों को टिकाया।
यहोवा ने मेरे मुँह में एक नया गीत बसाया।
    परमेश्वर का एक स्तुति गीत।
बहुतेरे लोग देखेंगे जो मेरे साथ घटा है।
और फिर परमेश्वर की आराधना करेंगे।
    वे यहोवा का विश्वास करेंगे।
यदि कोई जन यहोवा के भरोसे रहता है, तो वह मनुष्य सचमुच प्रसन्न होगा।
    और यदि कोई जन मूर्तियों और मिथ्या देवों की शरण में नहीं जायेगा, तो वह मनुष्य सचमुच प्रसन्न होगा।
हमारे परमेश्वर यहोवा, तूने बहुतेरे अद्भुत कर्म किये हैं।
    हमारे लिये तेरे पास अद्भुत योजनाएँ हैं।
कोई मनुष्य नहीं जो उसे गिन सके!
    मैं तेरे किये हुए कामों को बार बार बखानूँगा।

हे यहोवा, तूने मुझको यह समझाया है:
    तू सचमुच कोई अन्नबलि और पशुबलि नहीं चाहता था।
    कोई होमबलि और पापबलि तुझे नहीं चाहिए।
सो मैंने कहा, “देख मैं आ रहा हूँ!
    पुस्तक में मेरे विषय में यही लिखा है।”
हे मेरे परमेश्वर, मैं वही करना चाहता हूँ जो तू चाहता है।
    मैंने मन में तेरी शिक्षओं को बसा लिया।
महासभा के मध्य मैं तेरी धार्मिकता का सुसन्देश सुनाऊँगा।
    यहोवा तू जानता है कि मैं अपने मुँह को बंद नहीं रखूँगा।
10 यहोवा, मैं तेरे भले कर्मो को बखानूँगा।
    उन भले कर्मो को मैं रहस्य बनाकर मन में नहीं छिपाए रखूँगा।
हे यहोवा, मैं लोगों को रक्षा के लिए तुझ पर आश्रित होने को कहूँगा।
    मैं महासभा में तेरी करुणा और तेरी सत्यता नहीं छिपाऊँगा।
11 इसलिए हे यहोवा, तूअपनी दया मुझसे मत छिपा!
    तू अपनी करुणा और सच्चाई से मेरी रक्षा कर।

12 मुझको दुष्ट लोगों ने घेर लिया,
    वे इतने अधिक हैं कि गिने नहीं जाते।
मुझे मेरे पापों ने घेर लिया है,
    और मैं उनसे बच कर भाग नहीं पाता हूँ।
मेरे पाप मेरे सिर के बालों से अधिक हैं।
    मेरा साहस मुझसे खो चुका है।
13 हे यहोवा, मेरी ओर दौड़ और मेरी रक्षा कर!
    आ, देर मत कर, मुझे बचा ले!
14 वे दुष्ट मनुष्य मुझे मारने का जतन करते हैं।
    हे यहोवा, उन्हें लज्जित कर
    और उनको निराश कर दे।
वे मनुष्य मुझे दु:ख पहुँचाना चाहते हैं।
    तू उन्हें अपमानित होकर भागने दे!
15 वे दुष्ट जन मेरी हँसी उड़ाते हैं।
    उन्हें इतना लज्जित कर कि वे बोल तक न पायें!
16 किन्तु वे मनुष्य जो तुझे खोजते हैं, आनन्दित हो।
    वे मनुष्य सदा यह कहते रहें, “यहोवा के गुण गाओ!” उन लोगों को तुझ ही से रक्षित होना भाता है।

17 हे मेरे स्वामी, मैं तो बस दीन, असहाय व्यक्ति हूँ।
    मेरी रक्षा कर,
तू मुझको बचा ले।
    हे मेरे परमेश्वर, अब अधिक देर मत कर!

संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद।

दीन का सहायक बहुत पायेगा।
    ऐसे मनुष्य पर जब विपत्ति आती है, तब यहोवा उस को बचा लेगा।
यहोवा उस जन की रक्षा करेगा और उसका जीवन बचायेगा।
    वह मनुष्य धरती पर बहुत वरदान पायेगा।
    परमेश्वर उसके शत्रुओं द्वारा उसका नाश नहीं होने देगा।
जब मनुष्य रोगी होगा और बिस्तर में पड़ा होगा,
    उसे यहोवा शक्ति देगा। वह मनुष्य बिस्तर में चाहे रोगी पड़ा हो किन्तु यहोवा उसको चँगा कर देगा!

मैंने कहा, “यहोवा, मुझ पर दया कर।
    मैंने तेरे विरद्ध पाप किये हैं, किन्तु मुझे और अच्छा कर।”
मेरे शत्रु मेरे लिये अपशब्द कह रहे हैं,
    वे कहा रहे हैं, “यह कब मरेगा और कब भुला दिया जायेगा?”
कुछ लोग मेरे पास मिलने आते हैं।
    पर वे नहीं कहते जो सचमुच सोच रहे हैं।
वे लोग मेरे विषय में कुछ पता लगाने आते
    और जब वे लौटते अफवाह फैलाते।
मेरे शत्रु छिपे छिपे मेरी निन्दायें कर रहे हैं।
    वे मेरे विरद्ध कुचक्र रच रहे हैं।
वे कहा करते हैं, “उसने कोई बुरा कर्म किया है,
    इसी से उसको कोई बुरा रोग लगा है।
    मुझको आशा है वह कभी स्वस्थ नहीं होगा।”
मेरा परम मित्र मेरे संग खाता था।
    उस पर मुझको भरोसा था। किन्तु अब मेरा परम मित्र भी मेरे विरुद्ध हो गया है।
10 सो हे यहोवा, मुझ पर कृपा कर और मुझ पर कृपालु हो।
    मुझको खड़ा कर कि मैं प्रतिशोध ले लूँ।
11 हे यहोवा, यदि तू मेरे शत्रुओं को बुरा नहीं करने देगा,
    तो मैं समझूँगा कि तूने मुझे अपना लिया है।
12 मैं निर्दोष था और तूने मेरी सहायता की।
    तूने मुझे खड़ा किया और मुझे तेरी सेवा करने दिया।

13 इस्राएल का परमेश्वर, यहोवा धन्य है!
    वह सदा था, और वह सदा रहेगा।

आमीन, आमीन!

दूसरा भाग

(भजनसंहिता 42–72)

संगीत निर्देशक के लिये कोरह परिवार का एक भक्ति गीत।

जैसे एक हिरण शीतल सरिता का जल पीने को प्यासा है।
    वैसे ही, हे परमेश्वर, मेरा प्राण तेरे लिये प्यासा है।
मेरा प्राण जीवित परमेश्वर का प्यासा है।
    मै उससे मिलने के लिये कब आ सकता हुँ?
रात दिन मेरे आँसू ही मेरा खाना और पीना है!
    हर समय मेरे शत्रु कहते हैं, “तेरा परमेश्वर कहाँ है?”

सो मुझे इन सब बातों को याद करने दे। मुझे अपना हृदय बाहर ऊँडेलने दे।
    मुझे याद है मैं परमेश्वर के मन्दिर में चला और भीड़ की अगुवाई करता था।
मुझे याद है वह लोगों के साथ आनन्द भरे प्रशंसा गीत गाना
    और वह उत्सव मनाना।

5-6 मैं इतना दुखी क्यों हूँ?
    मैं इतना व्याकुल क्यों हूँ?
मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए।
    मुझे अब भी उसकी स्तुति का अवसर मिलेगा।
    वह मुझे बचाएगा।
हे मेरे परमेश्वर, मैं अति दुखी हूँ। इसलिए मैंने तुझे यरदन की घाटी में,
    हेर्मोन की पहाड़ी पर और मिसगार के पर्वत पर से पुकारा।
जैसे सागर से लहरे उठ उठ कर आती हैं।
    मैं सागर तंरगों का कोलाहल करता शब्द सुनता हूँ, वैसे ही मुझको विपतियाँ बारम्बार घेरी रहीं।
हे यहोवा, तेरी लहरों ने मुझको दबोच रखा है।
    तेरी तरंगों ने मुझको ढाप लिया है।

यदि हर दिन यहोवा सच्चा प्रेम दिखएगा, फिर तो मैं रात में उसका गीत गा पाऊँगा।
    मैं अपने सजीव परमेश्वर की प्रार्थना कर सकूँगा।
मैं अपने परमेश्वर, अपनी चट्टान से बातें करता हूँ।
    मैं कहा करता हूँ, “हे यहोवा, तूने मूझको क्यों बिसरा दिया हे
    यहोवा, तूने मुझको यह क्यों नहीं दिखाया कि मैं अपने शत्रुऔं से बच कैसे निकलूँ?”
10 मेरे शत्रुओं ने मुझे मारने का जतन किया।
    वे मुझ पर निज घृणा दिखाते हैं जब वे कहते हैं, “तेरा परमेश्वर कहाँ है?”

11 मैं इतना दुखी क्यों हूँ?
    मैं क्यों इतना व्याकुल हूँ?
मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए।
    मुझे अब भी उसकी स्तुति करने का अवसर मिलगा।
    वह मुझे बचाएगा।

हे परमेस्वर, एक मनुष्य है जो तेरी अनुसरण नहीं करता वह मनुष्य दुष्ट है और झूठ बोलता है।
    हे परमेश्वर, मेरा मुकदमा लड़ और यह निर्णय कर कि कोन सत्य है।
    मुझे उस मनुष्य से बच ले।
हे परमेस्वर, तू ही मेरा शरणस्थल है!
    मुझको तूने क्यों बिसरा दिय
तूने मुझको यह क्यों नहीं दिखाया
    कि मै अपने श्त्रुओं से कैसे बच निकलूँ?
हे परमेश्वर, तू अपनी ज्योति और अपने सत्य को मुझ पर प्रकाशित होने दे।
    मुझको तेरी ज्योति और सत्य राह दिखायेंगे।
    वे मुझे तेरे पवित्र पर्वत और अपने घर को ले चलेंगे।
मैं तो परमेस्वर की वेदी के पास जाऊँगा।
    परमेश्वर मैं तेरे पास आऊँगा। वह मुझे आनन्दित करता है।
हे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर,
    मैं वीणा पर तेरी स्तुति करँगा।

मैं इतना दु:खी क्यों हुँ?
    मैं क्यों इतना व्यकुल हूँ?
मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए।
    मुझे अब भी उसकी स्तुती का अवसर मिलेगा।
    वह मुझे बचाएगा।

संगीत निर्देशक के लिए कोरह परिवर का एक भक्ति गीत।

हे परमेश्वर, हमने तेरे विषय में सुना है।
    हमारे पूर्वजों ने उनके दिनों में जो काम तूने किये थे उनके बारे में हमें बताया।
    उन्होंने पुरातन काल में जो तूने किये हैं, उन्हें हमें बाताया।
हे परमेस्वर, तूने यह धरती अपनी महाशक्ति से पराए लोगों से ली
    और हमको दिया।
उन विदेशी लोगों को तूने कुचल दिय,
    और उनको यह धरती छोड़ देने का दबाव डाला।
हमारे पूर्वजों ने यह धरती अपने तलवारों के बल नहीं ली थी।
    अपने भुजदण्डों के बल पर विजयी नहीं हुए।
यह इसलिए हुआ था क्योंकि तू हमारे पूर्वजों के साथ था।
    हे परमेश्वर, तेरी महान शक्ति ने हमारे पूर्वजों की रक्षा की। क्योंकि तू उनसे प्रेम किया करता था!
हे मेरे परमेश्वर, तू मेरा राजा है।
    तेरे आदेशों से याकूब के लोगों को विजय मिली।
हे मेरे परमेश्वर, तेरी सहायता से, हमने तेरा नाम लेकर अपने शत्रुओं को धकेल दिया
    और हमने अपने शत्रु को कुचल दिया।
मुझे अपने धनुष और बाणों पर भरोसा नहीं।
    मेरी तलवार मुझे बचा नहीं सकती।
हे परमेश्वर, तूने ही हमें मिस्र से बचाया।
    तूने हमारे शत्रुओं को लज्जित किया।
हर दिन हम परमेश्वर के गुण गाएंगे।
    हम तेरे नाम की स्तुति सदा करेंगे।

किन्तु, हे यहोवा, तूने हमें क्यों बिसरा दिया? तूने हमको गहन लज्जा में डाला।
    हमारे साथ तू युद्ध में नहीं आया।
10 तूने हमें हमारे शत्रुओं को पीछे धकेलने दिया।
    हमारे शत्रु हमारे धन वैभव छीन ले गये।
11 तूने हमें उस भेड़ की तरह छोड़ा जो भोजन के समान खाने को होती है।
    तूने हमें राष्ट्रो के बीच बिखराया।
12 हे परमेश्वर, तूने अपने जनों को यूँ ही बेच दिया,
    और उनके मूल्य पर भाव ताव भी नहीं किया।
13 तूने हमें हमारे पड़ोसियों में हँसी का पात्र बनाया।
    हमारे पड़ोसी हमारा उपहास करते हैं, और हमारी मजाक बनाते हैं।
14 लोग हमारी भी काथा उपहास कथाओं में कहते हैं।
    यहाँ तक कि वे लोग जिनका आपना कोई राष्ट्र नहीं है, अपना सिर हिला कर हमारा उपहास करते हैं।
15 मैं लज्जा में डूबा हूँ।
    मैं सारे दिन भर निज लज्जा देखता रहता हूँ।
16 मेरे शत्रु ने मुझे लज्जित किया है।
    मेरी हँसी उड़ाते हुए मेरा शत्रु, अपना प्रतिशोध चाहता हैं।
17 हे परमेश्वर, हमने तुझको बिसराया नहीं।
    फिर भी तू हमारे साथ ऐसा करता है।
हमने जब अपने वाचा पर तेरे साथ हस्तक्षर की थी, झूठ नहीं बोला था!
18 हे परमेश्वर, हमने तो तुझसे मुख नहीं मोड़ा।
    और न ही तेरा अनुसरण करना छोड़ा है।
19 किन्तु, हे यहोवा, तूने हमें इस स्थान पर ऐसे ठूँस दिया है जहाँ गीदड़ रहते हैं।
    तूने हमें इस स्थान में जो मृत्थु की तरह अंधेरा है मूँद दिया है।
20 क्या हम अपने परमेश्वर का नाम भूले?
    क्या हम विदेशी देवों के आगे झुके? नहीं!
21 निश्चय ही, परमेश्वर इन बातों को जानता है।
    वह तो हमारे गहरे रहस्य तक जानता है।
22 हे परमेश्वर, हम तेरे लिये प्रतिदिन मारे जा रहे हैं।
    हम उन भेड़ों जैसे बने हैं जो वध के लिये ले जायी जा रहीं हैं।
23 मेरे स्वामी, उठ!
    नींद में क्यों पड़े हो? उठो!
    हमें सदा के लिए मत त्याग!
24 हे परमेश्वर, तू हमसे क्यों छिपता है?
    क्या तू हमारे दु:ख और वेदनाओं को भूल गया है?
25 हमको धूल में पटक दिया गया है।
    हम औंधे मुँह धरती पर पड़े हुए हैं।
26 हे परमेस्वर, उठ और हमको बचा ले!
    अपने नित्य प्रेम के कारण हमारी रक्षा कर!

संगीत निर्देशक के लिए शोकन्नीभ की संगत पर कोरह परिवार का एक कलात्मक प्रेम प्रगीत।

सुन्दर शब्द मेरे मन में भर जाते हैं,
    जब मैं राजा के लिये बातें लिखता हूँ।
मेरे जीभ पर शष्द ऐसे आने लगते हैं
    जैसे वे किसी कुशल लेखक की लेखनी से निकल रहे हैं।

तू किसी भी और से सुन्दर है!
    तू अति उत्तम वक्ता है।
    सो तुझे परमेश्वर आशीष देगा!
तू तलवा धारण कर।
    तू महिमित वस्त्र धारण कर।
तू अद्भुत दिखता है! जा, धर्म ओर न्याय का युद्ध जीत।
    अद्भुत कर्म करने के लिये शक्तिपूर्ण दाहिनी भुजा का प्रयोग कर।
तेरे तीर तत्पर हैं। तू बहुतेरों को पराजित करेगा।
    तू अपने शत्रुओं पर शासन करेगा।
हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन अमर है!
    तेरा धर्म राजदण्ड है।
तू नेकी से प्यार और बैर से द्वेष करता है।
    सो परमेश्वर तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों के ऊपर
    तुझे राजा चुना है।
तेरे वस्त्र महक रहे है जैसे गंध रास, अगर और तेज पात से मधुर गंध आ रही।
    हाथी दाँत जड़ित राज महलों से तुझे आनन्दित करने को मधुर संगीत की झँकारे बिखरती हैं।
तेरी माहिलायें राजाओं की कन्याएँ है।
    तेरी महारानी ओपीर के सोने से बने मुकुट पहने तेरे दाहिनी ओर विराजती हैं।

10 हे राजपुत्री, मेरी बात को सुन।
    ध्यानपूर्वक सुन, तब तू मेरी बात को समझेगी।
तू अपने निज लोगों और अपने पिता के घराने को भूल जा।
11     राजा तेरे सौन्दर्य पर मोहित है।
यह तेरा नया स्वामी होगा।
    तुझको इसका सम्मान करना है।
12 सूर नगर के लोग तेरे लिये उपहार लायेंगे।
    और धनी मानी तुझसे मिलना चाहेंगे।

13 वह राजकन्या उस मूल्यवान रत्न सी है
    जिसे सुन्दर मूल्यवान सुवर्ण में जड़ा गया हो।
14 उसे रमणीय वस्त्र धारण किये लाया गया है।
    उसकी सखियों को भी जो उसके पिछे हैं राजा के सामने लाया गया।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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