लोग जो अंध विश्वासियों के जूए के नीचे दास बने हैं, उन्हें अपने स्वामियों को सम्मान के योग्य समझना चाहिए ताकि परमेश्वर के नाम और हमारे उपदेशों की निन्दा न हो।
वे सभी दास, जो दासत्व के जुए में जुते हुए हैं, अपने-अपने स्वामियों को सब प्रकार से आदर योग्य समझें जिससे कि हमारे परमेश्वर की प्रतिष्ठा तथा हमारी शिक्षा प्रशंसनीय बनी रहे.