उस समय याजक बलि यरूशलेम को नहीं लाते थे और उसे मन्दिर की वेदी पर नहीं चढ़ाते थे। याजक सारे यहूदा के नगरों में रहते थे और वे उन नगरों में उच्च स्थानों पर सुगन्धि जलाते तथा बलि भेंट करते थे। वे उच्च स्थान गेबा से लेकर बेर्शेबा तक हर जगह थे। याजक अपनी अखमीरी रोटी उन नगरों में साधारण लोगों के साथ खाते थे, किन्तु यरूशलेम के मन्दिर में बने याजकों के लिये विशेष स्थान पर नहीं। परन्तु राजा योशिय्याह ने उन उच्च स्थानों को भ्रष्ट (नष्ट) कर डाला और याजकों को यरूशलेम ले गया। योशिय्याह ने उन उच्च स्थानों को भी नष्ट किया था जो यहोशू—द्वार के पास बायीं ओर थे। (यहोशू नगर का प्रशासक था।)