राजा ने अपने व्यक्तिगत सहायक अधिकारी को द्वार की रक्षा के लिये चुना। किन्तु लोग शत्रु के डेरे से भोजन पाने के लिये दौड़ पड़े। लोगों ने अधिकारी को धक्का देकर गिरा दिया और उसे रौंदते हुए निकल गए और वह मर गया। अतः वे सभी बातें वैसी ही ठीक घटित हुईं जैसा परमेश्वर के जन (एलीशा) ने तब कहा था जब राजा एलीशा के घर आया था।