पतरस ने हर किसी को बाहर भेज दिया और घुटनों के बल झुक कर उसने प्रार्थना की। फिर शव की ओर मुड़ते हुए उसने कहा, “तबीता-खड़ी हो जा!” उसने अपनी आँखें खोल दीं और पतरस को देखते हुए वह उठ बैठी।
मगर पेतरॉस ने उन सभी को कक्ष से बाहर भेज दिया. तब उन्होंने घुटने टेककर प्रार्थना की और फिर शव की ओर मुँह कर के आज्ञा दी, “तबीथा! उठो!” उस स्त्री ने अपनी आँखें खोल दीं और पेतरॉस को देख वह उठ बैठी.