निश्चय कर लो कि आज यहाँ हम लोगों में कोई ऐसा पुरुष, स्त्री, परिवार या परिवार समूह नहीं है जो यहोवा, अपने परमेश्वर के विपरीत जाता हो। कोई भी व्यक्ति उन राष्ट्रों के देवताओं की सेवा करने नहीं जाना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं वे उस पौधे की तरह हैं जो कड़वा, जहरीला फसल पैदा करता है।