मेरा मन दु:ख से मोआब के लिये रोता है। लोग कहीं शरण पाने को दौड़ रहे हैं। वे सुदूर जोआर में जाने को भाग रहे हैं। लोग दूर के देश एग्लतशलीशिय्या को भाग रहे हैं। लोग लूहीत की पहाड़ी चढ़ाई पर रोते बिलखाते हुए भाग रहे हैं। लोग होरोनैम के मार्ग पर और वे बहुत ऊँचे स्वर में रोते बिलखते हुए जा रहे हैं।