धरती पर तुमने विलासपूर्ण जीवन जीया है और अपने आपको भोग-विलासों में डुबोये रखा है। इस प्रकार तुमने अपने आपको वध किए जाने के दिन के लिए पाल-पोसकर हृष्ट-पुष्ट कर लिया है।
पृथ्वी पर तुम्हारा जीवन बहुत आरामदायक रहा है तथा यहाँ तुमने भोग-विलास का जीवन जिया है और हृदय की अभिलाषाओं की निरन्तर पूर्ति से तुम ऐसे मोटे-ताज़े हो गए हो, जैसे बलि-पशु.