“‘किन्तु वे राष्ट्र, जो बाबुल के राजा के जुवे को अपने कंधे पर रखेंगे और उसकी आज्ञा मानेंगे, जीवित रहेंगे। मैं उन राष्ट्रों को उनके अपने देश में रहने दूँगा और बाबुल के राजा की सेवा करने दूँगा।’ यह सन्देश यहोवा का है। ‘उन राष्ट्रों के लोग अपनी भूमि पर रहेंगे और उस पर खेती करेंगे।’”