“यहूदा, खाली पहाड़ी की चोटी को देखो। क्या कोई ऐसी जगह है जहाँ तुम्हारा अपने प्रेमियों (असत्य देवताओं) के साथ शारीरिक सम्बन्ध न चला तुम सड़क के किनारे प्रेमियों की प्रतीक्षा करती बैठी हो। तुम वहाँ मरुभूमि में प्रतीक्षा करते अरब की तरह बैठी। तुमने देश को गन्दा किया है! कैसे तुमने बहुत से बुरे काम किये और तुम मेरी अभक्त रही।