वे बाज़ार में बैठे उन बच्चों के समान हैं जो एक दूसरे से पुकार कर कहते है: ‘हमने तुम्हारे लिये बाँसुरी बजायी पर तुम नहीं नाचे। हमने तुम्हारे लिए शोक-गीत गाया पर तुम नहीं रोये।’
ये हाट में बैठे हुए उन बालकों के समान हैं, जो एक-दूसरे से पुकार-पुकार कर कह रहे हैं: “‘हमने तुम्हारे लिए बाँसुरी बजाई, किन्तु तुम नहीं नाचे, हमने तुम्हारे लिए शोक गीत भी गाया, फिर भी तुम न रोए.’