वे यह समझ गये थे कि उसने जो दृष्टान्त कहा है, उनके विरोध में था। सो वे उसे बंदी बनाने का कोई रास्ता ढूँढने लगे, पर लोगों से वे डरते थे इसलिये उसे छोड़ कर चले गये।
यहूदी मसीह येशु को पकड़ने की युक्ति तो कर ही रहे थे, किन्तु उन्हें भीड़ की प्रतिक्रिया का भी भय था. वे यह भली-भांति समझ गए थे कि यह दृष्टान्त उन्हीं के लिए था. वस्तुत: इस अवसर पर वे मसीह येशु को छोड़ वहाँ से चले गए.