और जब कभी वे तुम्हें पकड़ कर तुम पर मुकद्दमा चलायें तो पहले से ही यह चिन्ता मत करने लगना कि तुम्हें क्या कहना है। उस समय जो कुछ तुम्हें बताया जाये, वही बोलना क्योंकि ये तुम नहीं हो जो बोल रहे हो, बल्कि बोलने वाला तो पवित्र आत्मा है।
जब तुम बन्दी बनाए जाओ और तुम पर मुकद्दमा चलाया जाए तो यह चिन्ता न करना कि तुम्हें वहाँ क्या कहना है. तुम वही कहोगे, जो कुछ तुम्हें वहाँ उसी समय बताया जाएगा क्योंकि वहाँ तुम नहीं परन्तु पवित्रात्मा अपना पक्ष प्रस्तुत कर रहे होंगे.