“यह मेरा सेवक है, जिसे मैने चुना है। यह मेरा प्यारा है, मैं इससे आनन्दित हूँ। अपनी ‘आत्मा’ इस पर मैं रखूँगा सब देशों के सब लोगों को यही न्याय घोषणा करेगा।
यही है मेरा चुना हुआ सेवक, मेरा प्रियपात्र, जिसमें मेरे प्राण को पूरा सन्तोष है. मैं उसे अपने आत्मा से भरा करूँगा और वह अन्यजाति में न्याय की घोषणा करेगा.