“सुनो, हम यरूशलेम पहुँचने को हैं। मनुष्य का पुत्र वहाँ प्रमुख याजकों और यहूदी धर्म शास्त्रियों के हाथों सौंप दिया जायेगा। वे उसे मृत्यु दण्ड के योग्य ठहरायेंगे।
“यह समझ लो कि हम येरूशालेम नगर जा रहे हैं, जहाँ मनुष्य के पुत्र को पकड़वाया जाएगा, प्रधान याजकों तथा शास्त्रियों के हाथों में सौंप दिया जाएगा और वे उसे मृत्युदण्ड के योग्य घोषित करेंगे.