भजन संहिता 102:11
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मेरे जीवन का लगभग अंत हो चुका है। वैसे ही जैसे शाम को लम्बी छायाएँ खो जाती है। मैं वैसा ही हूँ जैसे सूखी और मुरझाती घास।
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI) © 1995, 2010 Bible League International